विश्व को बचाने के लिए चलें बुद्ध के रास्ते पर : प्रधानमंत्री मोदी
आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुद्ध जयंती के उद्घाटन समारोह में कहा हिंसा, जातिवाद और आतंकवाद जैसे संकट से विश्व को बचाने के लिए भगवान बुद्ध के करुणा के संदेश पर अमल की आज सलाह दी। समय की मांग है संकट से विश्व को बचाना है तो बुद्ध का संदेश सबसे उपयुक्त है। प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया के देशों ने जातिवाद और आतंकवाद जैसी विषमतायें खुद तैयार की हैं लेकिन यदि विश्व को इन संकटों पर पार पाना है तो भगवान बुद्ध का करुणा और सेवाभाव के संदेश पर अमल करना जरूरी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भगवान बुद्ध ने अपने उपदेश में अष्टांग मार्ग का परिपादन किया था और इस मार्ग पर जाये बिना विश्व के समक्ष तमाम चुनौतियों से नहीं निपटा जा सकता। उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध ने सम्यक दृष्टि, सम्यक संकल्प, सम्यक वाणी, सम्यक आचरण, सम्यक आजीविका, सम्यक प्रयत्न, सम्यक चेतना और सम्यक ध्यान- ये अष्टांग मार्ग हमारे लिए सूचित किये हैं। आज हम जिन संकटों से जूझ रहे हैं, उसका समाधान बुद्ध के रास्ते पर चलते हुए ही संभव है। प्रधानमंत्री ने भगवान बुद्ध को उद्धृत करते हुए कहा कि किसी के दुख को देखकर दुखी होने से ज्यादा बेहतर है कि उस व्यक्ति को उसके दुख को दूर करने के लिए तैयार किया जाये, उसे सशक्त बनाया जाये और केंद्र की मौजूदा सरकार भगवान बुद्ध के बताये करुणा और सेवाभाव के रास्ते पर चल रही है। उन्होंने कहा कि जाति, धर्म, वर्ण के आधार पर भेद करना बुद्ध का संदेश नहीं है।