मोदी ने किया उद्घाटन, चीन परेशान
नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी ने असम में देश के सबसे बड़े ढोला-सदिया पुल का उद्घाटन किया। मोदी के साथ केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और असम के सीएम सर्वानंद सोनोवाल भी मौजूद थे। उद्घाटन करने के बाद मोदी ने खुद पुल का जायजा लिया। उन्होंने गाड़ियों का काफिला रुकवाकर सुरक्षाकर्मियों को काफी पीछे छोड़ते हुए कुछ देरी तक अकेले ही पुल पर चहलकदमी की। बाद में उन्होंने पुल पर ही कुछ वक्त सोनोवाल और गडकरी के साथ बातचीत की। बता दें कि 9 किमी से ज्यादा लंबे तीन लेन वाले इस पुल के बन जाने से असम और अरुणाचल के बीच की दूरी 165 किमी कम हो जाएगी। इसके अलावा, आवाजाही में 5 घंटे का वक्त कम लगेगा। जानकार मानते हैं कि चीन के मद्देनजर इस पुल की बहुत ज्यादा अहमियत है। 1962 की जंग के वक्त अरुणाचल सीमा के करीब सेना के हथियारों और दूसरे संसाधनों को पहुंचाने में काफी दिक्कत हुई थी। इस पुल के ऊपर से सेना के भारी-भरकम टैंक आसानी से गुजर सकते हैं। ऐसे में किसी संघर्ष की स्थिति में त्वरित कार्रवाई करने के लिए यह पुल सेना के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगा। बता दें कि इस पुल का निर्माण 2056 रुपये की लागत से हुआ है। इसके जरिए सदिया से ढोला तक सिर्फ 60 मिनट में सफर किया जा सकता है। इसके अलावा, इसके जरिए असम और अरुणाचल में पर्यटन और रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा। केंद्र की एनडीए सरकार के तीन साल पूरा होने के मौके पर अज असम के ढोला में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक जनसभा को संबोधित किया। अपने तीन साल के कार्यकाल की उपलब्धियों को पूर्व पीएम अटल बिहारी बाजपेयी को समर्पित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने तीन साल में अटल जी के सपने को पूरा किया है। उन्होंने कहा कि पांच साल से जिस पुल का इंतजार किया जा रहा था वह अब तैयार हुआ है और 2004 में अगर अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार दोबारा जीतकर आई होती तो यह ब्रिज आपको 10 साल पहले मिल गया होता। सरकार बदलने से काम में रुकावटें आईं। उन्होंने आगे कहा कि इस पुल के जरिए वाटर वे को बल देने की कोशिश की गई है। असम से जल परिवहन का नया अध्याय शुरू होगा और अब नॉर्थ ईस्ट को देश के हर कोने से जोड़ेंगे। इससे पहले असम के ढोला में प्रधानमंत्री ने देश के सबसे लंबे पुल का उद्घाटन किया।